PC: saamtv
कई लोगों को बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है। चिकित्सकीय भाषा में इसे 'फ्रिक्वेंट यूरिनेशन' कहते हैं। कई बार यह समस्या ज़्यादा पानी पीने या दवाओं के दुष्प्रभाव के रूप में महसूस होती है। हालाँकि, अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो यह किसी गंभीर बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। इससे ऑफिस में काम करते समय परेशानी होती है, नींद प्रभावित होती है। कुछ लोग इसी डर से पानी पीने से बचते हैं और इससे डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएँ हो जाती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार पेशाब आने के कई कारण हो सकते हैं। मधुमेह के रोगियों में, जब रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, तो किडनी अतिरिक्त ग्लूकोज का उत्सर्जन करती हैं। इससे पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है। Overactive bladder भी एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्राशय पूरी तरह से भरा न होने पर भी पेशाब करने की तीव्र इच्छा होती है। कई बार यह समस्या कैफीन, शराब या बहुत अधिक तरल पदार्थ पीने के कारण होती है। महिलाओं में, प्रेग्नेंसी के दौरान, मूत्राशय यानी ब्लैडर पर दबाव डालता है, जिससे पेशाब बढ़ जाता है।
मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) या गुर्दे में संक्रमण भी पेशाब की आवृत्ति बढ़ा देता है। ऐसे मामलों में, जलन, बुखार, कमर दर्द और मतली जैसे लक्षणों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। पुरुषों में, प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना या मूत्राशय की पथरी भी इसका कारण हो सकती है। इतना ही नहीं, तनाव और चिंता के कारण भी मांसपेशियों में संकुचन और बार-बार पेशाब आना हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह समस्या लगातार हो रही है, तो यह न केवल सामान्य है, बल्कि किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। इसलिए, समय रहते डॉक्टर से सलाह लेना और ज़रूरी जाँच व इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है।
You may also like
Rashifal 5 sep 2025: इन राशियों के जातकों के लिए दिन होगा शुभ, शारीरिक व मानसिक सेहत अच्छी रहेेगी, जाना पड़ सकता हैं यात्रा पर, जाने राशिफल
मनाली में हेरोइन की बड़ी खेप बरामद, चार तस्कर गिरफ्तार, पिस्टल और जिंदा रौंद भी बरामद
अलवर में धर्मान्तरण का मामला- आरोपी अमृत सन 1999 में से कर रहा हैं ईसाई मत का प्रचार
भाजपा मंडल समीरपुर ने आपदा प्रभावित चंबा और दसुआ में राहत सामग्री भेजी
उत्तरकाशी में भू-धसाव व भूस्खलन बना आफत, 62 सड़कें बंद कई घरों में आई दरार